अगर आपके इरादे मजबूत है तो आप अपनी मंजिल को जरुर पा सकते हैं। ऐसा ही कुछ कर दिखाया है देश की पहली गोरखा आईपीएस ऑफिसर अपराजिता राय ने। अपराजिता राय सिक्किम में सर्वोच्च रैंक हासिल करने वाली देश की पहली गोरखा आईपीएस बन गई हैं। अपराजिता आज सिक्किम की लड़कियों के लिए एक आदर्श के तौर पर जानी जा रही है।
2010 में सिविल सर्विस एग्जाम में अपराजिता ने 768 रैंक हासिल किया। अपने रिजल्ट से संतुष्ट न होने की वजह से इन्होने 2011 में फिर से सिविल सर्विस एग्जाम दिया और इस बार 358 रैंक हासिल किया। अपराजिता पूर्वोत्तर भारत में एक ऐसी आईपीएस अफसर के तौर जानी जा रही है जिन्होने अपने सपनों को पूरा करने के लिए दिन रात एक कर दिया।
* राह नहीं थी आसान
8 साल की उम्र में पिता की मृत्यु होने के बाद अपराजिता की मां रोमा राय ने उनका लालन-पालन किया। अपराजिता के पिता सिक्किम में विभागीय वन अधिकारी थे। पश्चिम बंगाल राष्ट्रीय विश्वविधालय से बीए एलएलबी से ग्रेजुएशन करने वाली अपराजिता ने पढ़ाई के दौरान ही ठान लिया था कि वो देश की सर्वोच्च सेवा में अपना करियर बनायेंगी, हालांकि अपराजिता की राह इतनी आसान नहीं थी।
अपराजिता के इस सपने को पूरा करने के लिए उनकी मां ने उनका पूरा साथ दिया। पेशे से शिक्षिका रोमा राय ने बेहद गरीबी के बीच भी अपनी बेटी के सपनों को पूरा करने के लिए कभी किसी चीज की कमी आगे नहीं आने दी। आज जिस राज्य में ज्यादातर लड़कियां स्कूल के बाद ही पढ़ाई छोड़ देती है, ऐसे में अपराजिता ने आईपीएस बनकर दिखा दिया कि अगर आपके इरादे बुलंद है तो आप कुछ भी कर सकते हैं।
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