स्टीफन हॉकिंग एक ऐसा नाम जिन्हें बच्चों से लेकर बूढ़े तक सभी जानते होंगे. मौत को भी मात देने वाले स्टीफन हॉकिंग अब हमारे बिच नहीं रहे. 76 साल की उम्र में उन्होंने अपनी आखिरी सांस ली. बता दें कि जब वे 21 साल के थे तभी डॉक्टरों ने उन्हें कहा था कि ये सिर्फ दो साल और जीने वाले हैं. लेकिन मौत को मात देने वाले स्टीफन ने 76 साल उम्र तक ब्रह्मांड के रहस्यों को समझने में दुनिया की मदद की. आइये जानते हैं उनके कुछ विचार जिससे हम सबको हमेशा प्रेरणा मिलेगी.
#- ऊपर सितारों की तरफ देखो अपने पैरों के नीचे नहीं। जो देखते हो उसका मतलब जानने की कोशिश करो और आश्चर्य करो की क्या है जो ब्रह्माण्ड का अस्तित्व बनाये हुए है। उत्सुक रहो।
#- चाहे ज़िन्दगी जितनी भी कठिन लगे, आप हमेशा कुछ न कुछ कर सकते हैं और सफल हो सकते हैं।
#- मैंने देखा है वो लोग भी जो ये कहते हैं कि सब कुछ पहले से तय है , और हम उसे बदलने के लिए कुछ भी नहीं कर सकते
#- बुद्धिमत्ता बदलाव के अनुरूप ढलने की क्षमता है।
#- विज्ञान केवल तर्क का अनुयायी नहीं है, बल्कि रोमांस और जूनून का भी।
#- यदि आप हमेशा गुस्सा या शिकायत करते हैं तो लोगों के पास आपके लिए समय नहीं रहेगा।
#- अन्य विकलांग लोगों के लिए मेरी सलाह होगी , उन चीजों पर ध्यान दें जिन्हे अच्छी तरह से करने से आपकी विकलांगता नहीं रोकती , और उन चीजों के लिए अफ़सोस नहीं करें जिन्हे करने में ये बाधा डालती है। आत्मा और शरीर दोनों से विकलांग मत बनें।
#- अतीत, भविष्य की तरह ही अनिश्चित है और केवल सम्भावनों के एक स्पेक्ट्रम के रूप में मौजूद है।
#- हम अपने लालच और मूर्खता के कारण खुद को नष्ट करने के खतरे में हैं। हम इस छोटे, तेजी से प्रदूषित हो रहे और भीड़ से भरे ग्रह पर अपनी और अंदर की तरफ देखते नहीं रह सकते .
#- मुझे लगता है ब्रह्माण्ड में और ग्रहों पर जीवन आम है , हालांकि बुद्धिमान जीवन कम ही है। कुछ का कहना है इसका अभी भी पृथ्वी पर आना बाकी है।
#- हम एक औसत तारे के छोटे से ग्रह पर रहने वाली बंदरों की एक अन्नत नस्ल हैं . लेकिन हम ब्रह्माण्ड को समझ सकते हैं। ये हमें कुछ ख़ास बनाता है ।
#- मैं चाहूंगा न्यूक्लीयर फ्यूज़न एक व्यवहारिक ऊर्जा का स्रोत बने। यह प्रदूषण या ग्लोबल वार्मिंग के बिना, ऊर्जा की अटूट आपूर्ति प्रदान करेगा।