भारत एक ऐसा देश है जहां हर साल 1000 से ज्यादा फ़िल्में बनती हैं. इन 1000 में आपको तरह तरह की ऐसी फ़िल्में देखने को मिलेंगी जो समाज से, व्यक्ति से, मनोरंजन से या कोई जानकारी विशेष के लिए हमेशा रिलीज होती रहती है. समाज पर फिल्म बनाने की प्रथा भी सदियों से चलता आ रहा है. और ऐसी फ़िल्में दर्शकों को काफी पसंद भी आती है.

आज भी समाज पर फिल्म बनने का सिलसिला रुका नहीं है बल्कि आज कल की फिल्मों में ज्यादातर वही दिखाने की कोशिश होती है जो समाज से जुडी हो. समाज की कहानी को लेकर ही एक और ऐसी फिल्म चौरस फिरंगी रिलीज को तैयार है. इस फिल्म की कहानी कुछ ऐसी है, जो गंदी बस्त‍ियों के लोगों को ह‍िकारत की दृष्ट‍ि से देखती है, लेकिन स्वयं को उनसे बेहतर मानती है. लेकिन गंदी बस्ती के लोग अपनी कड़ी मेहनत और लगन से समाज का नाम रोशन करते हैं.

फिल्म में सबसे ख़ास बात फिल्म का डायरेक्शन है. जमीनी लेवल पर ऐसी फिल्म को तैयार करना नाक से चना चबाना जैसा होता है. फिल्म में जबलपुर की लोकेशन और भाषाई अंदाज़ काफी प्रभावित कर रही है.

यह फीचर फिल्म गायत्री मोशन प‍िक्चर्स के बैनर तले तैयार हुई है. इस फिल्म के निर्माता स‍िद्धार्थ यादव एवं लेखक व निर्देशक संदीप पाण्डेय हैं. फ‍िल्म का संगीत श्रुति-धर्मेश की जोड़ी व आशी सागर ने द‍िया है। फ‍िल्म का ब्रास सेक्शन मनोज बेन (श्याम इंटरनेशनल बैंड) ने द‍िया है.

चौसर फ‍िरंगी में मुख्य भूमिका में जबलपुर के प्रतीक पचौरी, अंशुल सिंह ठाकुर, रेखा म‍िश्रा, सारिका नायक, अमर परिहार, विनय शर्मा, मनीष तिवारी, जितेन्द्र वश‍िष्ट, बाबू हाजरा, हंसा स‍िंह और अमोल देशमुख हैं. 3 करोड़ रूपए की प्रोडक्शन कॉस्ट वाली यह फिल्म देश भर के 350 स्क्रीन में रिलीज होगी.