जब हम पैदा होते हैं तो कुदरत से हमे सेक्सुअलिटी चुनने की चॉइस नहीं मिलती। हमारा
लालन-पालन हमारे मां-बाप करते हैं। वो हमें जिस सांचे में ढालते हैं हम उसी में ढल जाते हैं।
उम्र के एक खास पड़ाव पर आकर हमें एहसास होता है कि हम अपोजिट सैक्स के लिए नहीं
बने बल्कि अपने जैसे सैक्स में ही हमें शारीरिक संबध बनाना पसंद है। मतलब साफ है कि हम
गे हैं या लेसबियन इसका अहसास तो हमें धीरे-धीरे होता है लेकिन एक खास स्टेज पर आकर
हम पूरी तरह से क्लियर हो जाते हैं कि हम गे हैं या फिर लेसबियन। ऐसे ही कुछ टिप्स हैं
जिनसे आप भी आसानी से जान सकते हैं कि आप एक कॉमन मैन है या फिर कुछ खास।
जब सहेलियों में हो ज्यादा लगाव— दो लड़कियों का आपस में अपनी फिलिंग्स शेयर करना एक
आम बात है। एक दुसरे के सुख-दुख में साथ निभाना भी सामान्य है। लेकिन अगर आप दोनों
सहेलियां अक्सर एक-दूसरे का हाथ पकड़े या फिर आपके हाथ को चूमने की कोशिश करे तो
आप समझ जाना कि आप एक दूसरे के लिए खास है। इस तरह के आकर्षण में कई बार
लेसबियन संबधों तक ले जाते हैं।
पॉर्न की चॉईस चेंज हो गई—अगर आप नार्मल पॉर्न साईट देखने की बजाय मेल टू मेल सैक्स
या फिर फीमेल टू फीमेल सैक्स में ज्यादा इंटरेस्ट लेने लगे हैं तो आप समझ जाइये कि आपको
अब सामान्य सैक्स में रुचि नहीं है।
लड़कों के प्रति अट्रेक्ट न होना—यदि आप लड़की हैं और लड़कों को लेकर आपकी कोई खास
रुची नहीं तो भी आपको सोचने की जरुरत है। एक रिपोर्ट के अनुसार 30 प्रतिशत से ज्यादा
लड़कियां शुरु से ही लड़कों में कोई दिलचस्पी नहीं रखती थी
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लड़कों से धोखा मिलना– कई लड़कियां लड़कों के प्रति नफरत रखती है। ऐसी लड़कियों को लगता
है कि लड़के धोखेबाज हैं। ऐसे में लड़की लड़कों से दूरी बनाती है और साथी लड़कियों से संबध
बनाती है।
खुद में ओवर कॉंफिडेंस– अगर आपको भी लगता है कि आप खुद में बेस्ट है और आपके जीवन
में पुरुषों के लिए कोई जगह तो आप गलत है। कई बार इस तरह की सोच आपको पुरुषों से दूर
कर देती है। और आप महिलाओं के प्रति आकर्षित हो जाती हैं।
शौक बड़ी चीज है-– कई बार यह सिर्फ शौक होता है।कुछ लोग गे या लेस्बियन सिर्फ शौक के
तौर पर बनते हैं। अमीर लोग अपनी शारिरिक जरुरतों को पूरा करने के लिए सेम सैक्स वाले
लोगों से सेक्स करना पसंद करते हैं तो लड़कियां भी लड़कियों से संबध बनाने में ज्यादा संतुष्टि
महसूस करती है।